देखिये, होली में जो देस में हैं सब हल्के हो रहे हैं, आप सब को शुभ कामनाएं, हम तो अरब देश में पड़े हैं, और होली में काम पर जा रहे हैं, आप कुछ गुझिया हमारे लोगों के नाम की भी खा लीजियेगा और ... [ बाकी आप सब विद्वान् हैं ]
तो जो होली में हमारे जैसे काम पर जा रहे हैं उनका एक होली गीत -
राजा ने रानी की, सुननी सुनानी है
जोतों को रातों को, कहनी कहानी है
जब भोर हो, ताज़ा-ताज़ा तमाशे हों
कुछ कर जुटे, कहके जोशे जवानी है
जितनी उम्मीदों से, सपने बनाये हैं
उतनी बनाने में, मेहनत लगानी है
बातें बनाने से, मौसम बदलते हैं?
मौसम बदलने की, बातें बनानी हैं
अब ये मोहर्रम के, दिन तो नहीं हैं
रंग के इरादों को, होली मनानी है
पुनश्च :
बूटी ने बम-बम की,तबियत को खोला है
जिन्नों को बोतल में, वापस घुसानी है [ :-)]
13 comments:
होली है - शुभकामनाएँ
badhAI
बातें बनाने से, मौसम बदलते हैं?
मौसम बदलने की, बातें बनानी हैं
क्या बात है मनीष भाई. होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं. मस्त रहें. और हाँ, ये भंग, दारू, मिठाइयां, दही बड़े, छोले-भटूरे, गुझिया, वगैरह वगैरह के बारे में ज़्यादा चिंतित न हों. हम हैं न !!
"बूटी ने बम-बम की,तबियत को खोला है"
हाहाहा...लगा की होली है।
जोशिम जी अभी ब्लॉग पर मैं कुछ तकनीकी दिक्कतों से उलझा हुआ था तभी अधूरी पोस्ट पर ही आपके स्नेह की फुहार आ पड़ी....सर आपको भी सपरिवार होली की बहुत-बहुत बधाई।
मै रंगों से कैसा खेला ओ अब ब्लॉग पर है।
मनीष भइया, होली पर टीस मत लिखिए....होली के दिन काम पर जाईयेगा भी तो लंच में गुझिया खाईयेगा. शाम को आकर ठंडाई और भंग पीजिएयेगा...काहे से कि;
आफिस चले भी गए तो भी कोई गम नहीं
'दिन गया काम से', लेकिन शाम तो आनी है
जितनी उम्मीदों से, सपने बनाये हैं
उतनी बनाने में, मेहनत लगानी है
मनीष जी आप कॊ ओर आप के परिवार को भी होली की बहुत बहुत बधाई, ओर होली के रंगो की तरह से आप के सपने भी खुशियो के रंगो से भरजाये,
अच्छा है कि आप ऑफिस जा रहे हैं,
हम तो यहाँ बैठे सर खुजा रहे हैं.
HOLI KI ANEK SHUBH KAMNAYEN JOSHI JI, BLOG SONA HAI JI APKA !
मनीश दाज्यू, अच्छा आप आज भी काम पर जा रहे हैं,
हम तो होली के ब्लोग पढ़ कर ही होली मना रहे हैं
सपरिवार होली की बहुत बहुत बधाई
क्या खूब कहा -
जितनी उम्मीदों से, सपने बनाये हैं
उतनी बनाने में, मेहनत लगानी है
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आपको और आपके परिवार को भी।
मनीष भाई । परदेस में होली की विकल याद करके आपने हमारी भावनाओं को जगा दिया । अब गुझिया, दही बड़े और पूडि़यां ठूंसते वक्त आपकी याद ज़रूर आयेगी । होली मुबारक हो ।
aisa lagta hai aapne bhi khoob holi kheli hai......
बढ़िया लगी ये टीस भी। होली से रंग पंचमी तक चले मुबारकों की बहार। अपने मध्यप्रदेश में तो यही है चलन।
sundar rang,behta bhang ,kavita sang
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